BA Semester-2 Ancient Indian History and Culture - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2723
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 11

वर्धन वंश

(Vardhan Dynasty)

प्रश्न- हर्ष के समकालीन गौड़ नरेश शशांक के विषय में आप क्या जानते हैं? स्पष्ट कीजिए।

अथवा
शशांक के विषय में आप क्या जानते हैं?
अथवा
शशांक के विषय में विस्तार से बताइए।

उत्तर-

गौड़ नरेश शशांक

ह्वेनसांग के विवरण से पता चलता है कि शशांक कर्ण सुवर्ण का राजा था। ह्वेनसांग ने शशांक कर्ण सुवर्ण को दुष्ट और बौद्ध धर्म का उच्छेदक बताया है। उसने अनेक स्थानों पर शशांक द्वारा बौद्ध धर्म पर किये गये अत्याचार का वर्णन किया है। शशांक ने पाटलिपुत्र के एक पत्थर पर अंकित बुद्ध के पदचिह्नों को मिटाने का प्रयास किया था और बोधिवृक्ष को काटकर गिरा दिया था। महाकवि बाणभट्ट ने इसे गौड़ राजा बताया है। बाण ने शशांक को गोड़धिपाधम, गोड़ाभुज, अनार्य आदि नामों से पुकारा है। सम्राट ने स्वयं कहा था- इस पापी (गौड़ नरेश) का नाम लेने से मेरी जिह्वा मललिप्त हो जाती है। डॉ. बसाक ने इसे जयनागवंश का बताया है।

शंशाक की विजय यात्रा - रोहतासगढ़ के पहाड़ी इलाकें से प्राप्त एक मोहर से पता चलता है कि शशांक ने अपने शासन का प्रारम्भ एक सामन्त शासक के रूप में किया था। इस मुहर पर लिखा है 'श्री महासामन्त शशांक देवस्य। शशांक का गुप्त राजाओं से भी सम्बन्ध था। यह सम्भव है कि मौखरियों ने दक्षिणी बिहार पर विजय प्राप्त करके ही वहाँ का सामन्त रहने दिया है। शशांक ने उत्तरी भारत में अपना एकछत्र राज्य स्थापित करने के लिए मालवा के नरेश देवगुप्त से सन्धि की थी। इसके बाद शशांक की कूटनीति के फलस्वरूप राज्यवर्द्धन मार डाला गया। हर्षवर्द्धन ने उससे बदला लेने की प्रतिज्ञा की परन्तु हर्ष उसका कुछ न बिगाड़ सका। यह भी ज्ञात हुआ है कि भांड़ी ने गौड़ राजा को वापस लौटाने के लिए विवश किया। इस प्रकार हर्ष के हाथों शंशाक का अहित नहीं हुआ।

ऐसा ज्ञात होता है कि अपने जीवन के आखिरी छोर पर वह सामन्त स्थिति से सम्राट स्थिति पर पहुँच गया था। सम्भव है अवन्तिवर्मन की मृत्यु के बाद (602 ईस्वी के बाद) उसने अपनी स्वतन्त्रता घोषित कर दी हो। उसने उड़ीसा तथा बंगाल पर अपना अधिकार कर लिया तथा दक्षिण में गोदावरी नदी तक शायद उसका राज्य विस्तृत हो गया। मगध पर उसका सामन्तकाल से ही शासन था। उसकी स्वर्ण मुद्राएँ भी उसके स्वतन्त्र अस्तित्व को प्रमाणित करती हैं जो अधिकतर बंगाल से प्राप्त हुई हैं। इस प्रकार यह स्पष्ट हो जाता है कि शशांक पूर्वी भारत का सर्वाधिक शक्तिशाली राजा बन गया था। निश्चित रूप से यह नहीं कहा जा सकता कि हर्ष तथा शशांक के बीच कोई सीधा मुकाबला हुआ अथवा नहीं। आर्यमंजुश्रीमूलकल्प के एक श्लोक से पता चलता है कि हर्ष ने सोम की राजधानी पुण्ड्र पर आक्रमण कर उसे परास्त किया तथा उसे उसके राज्य में ही रहने के लिए बाध्य किया। परन्तु इस मध्यकालीन बौद्ध ग्रन्थ के विवरण की ऐतिहासिकता में सन्देह है।

ह्वेनसांग के विवरण से ज्ञात होता है कि शशांक की मृत्यु 637 ईस्वी के कुछ पूर्व हुई थी। उसका अन्त किन परिस्थितियों में हुआ, यह ज्ञात नहीं है परन्तु इतना स्पष्ट है कि उसके जीवनकाल में हर्ष उसके राज्य को जीत नहीं पाया था।

शशांक का धर्म - शशांक एक कट्टर शैव था। उसके सिक्कों के ऊपर शिव तथा नन्दी की आकृतियाँ मिलती हैं। ह्वेनसांग के विवरण से पता चलता है कि उसने बोधगया के बोधिवृक्ष को कटवाकर गंगा में फिकवा दिया तथा पास के ही एक मन्दिर से बुद्ध की मूर्ति को हटवाकर उसके स्थान पर शिव की मूर्ति प्रतिष्ठित करवायी। इसी प्रकार पाटलिपुत्र के मन्दिर में रखे हुए एक पाषाण स्तम्भ, जिस पर बुद्ध के चरण-चिह्न उत्कीर्ण थे, को भी उसने गंगा नदी में फिकवा दिया। आर्यमंजुश्रीमूलकल्प में भी उसका चित्रण बौद्धद्रोही के रूप में किया गया है जिसने पवित्र बौद्ध अवशेषों को जलाया तथा विहारों एवं समाधियों को नष्ट-भ्रष्ट कर दिया। आर. डी. बनर्जी एवं आर. पी. चन्दा जैसे कुछ विद्वान इस मत के पक्ष में हैं कि शशांक वस्तुतः राजनैतिक कारणों से बौद्धद्रोही हुआ था अन्यथा उसमें धर्मान्धता नहीं थी।

प्राचीन भारत के इतिहास में शशांक पूर्णतया असम्बद्ध एवं उपेक्षित शासक रहा है जिसके विषय में जानकारी बहुत ही कम है उसके साथ ही उसका वंश तथा राज्य दोनों ही जाते रहे और उसके राज्य को हर्ष ने अपने साम्राज्य में सम्मिलित कर लिया। निश्चय ही वह एक महान् कूटनीतिज्ञ तथा साहसी योद्धा था जो सातवीं शताब्दी के प्रारम्भिक दशकों में भारत के इतिहास के गगन मण्डल में चन्द्रमा की भाँति चमकता था।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास को समझने हेतु उपयोगी स्रोतों का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास को जानने में विदेशी यात्रियों / लेखकों के विवरण की क्या भूमिका है? स्पष्ट कीजिए।
  3. प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की सुस्पष्ट जानकारी दीजिये।
  4. प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय में आप क्या जानते हैं?
  5. प्रश्न- भास की कृति "स्वप्नवासवदत्ता" पर एक लेख लिखिए।
  6. प्रश्न- 'फाह्यान' पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  7. प्रश्न- दारा प्रथम तथा उसके तीन महत्वपूर्ण अभिलेख के विषय में बताइए।
  8. प्रश्न- आपके विषय का पूरा नाम क्या है? आपके इस प्रश्नपत्र का क्या नाम है?
  9. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - प्राचीन इतिहास अध्ययन के स्रोत
  10. उत्तरमाला
  11. प्रश्न- बिम्बिसार के समय से नन्द वंश के काल तक मगध की शक्ति के विकास का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- नन्द कौन थे महापद्मनन्द के जीवन तथा उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
  13. प्रश्न- छठी सदी ईसा पूर्व में गणराज्यों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  14. प्रश्न- छठी शताब्दी ई. पू. में महाजनपदीय एवं गणराज्यों की शासन प्रणाली के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
  15. प्रश्न- बिम्बिसार की राज्यनीति का वर्णन कीजिए तथा परिचय दीजिए।
  16. प्रश्न- उदयिन के जीवन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  17. प्रश्न- नन्द साम्राज्य की विशालता का वर्णन कीजिए।
  18. प्रश्न- धननंद और कौटिल्य के सम्बन्ध का उल्लेख कीजिए।
  19. प्रश्न- धननंद के विषय में आप क्या जानते हैं?
  20. प्रश्न- मगध की भौगोलिक सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
  21. प्रश्न- गणराज्य किसे कहते हैं?
  22. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - महाजनपद एवं गणतन्त्र का विकास
  23. उत्तरमाला
  24. प्रश्न- मौर्य कौन थे? इस वंश के इतिहास जानने के स्रोतों का उल्लेख कीजिए तथा महत्व पर प्रकाश डालिए।
  25. प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के विषय में आप क्या जानते हैं? उसकी उपलब्धियों और शासन व्यवस्था पर निबन्ध लिखिए|
  26. प्रश्न- सम्राट बिन्दुसार का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  27. प्रश्न- कौटिल्य और मेगस्थनीज के विषय में आप क्या जानते हैं?
  28. प्रश्न- मौर्यकाल में सम्राटों के साम्राज्य विस्तार की सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
  29. प्रश्न- सम्राट के धम्म के विशिष्ट तत्वों का निरूपण कीजिए।
  30. प्रश्न- भारतीय इतिहास में अशोक एक महान सम्राट कहलाता है। यह कथन कहाँ तक सत्य है? प्रकाश डालिए।
  31. प्रश्न- मौर्य साम्राज्य के पतन के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  32. प्रश्न- मौर्य वंश के पतन के लिए अशोक कहाँ तक उत्तरदायी था?
  33. प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के बचपन का वर्णन कीजिए।
  34. प्रश्न- अशोक ने धर्म प्रचार के क्या उपाय किये थे? स्पष्ट कीजिए।
  35. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - मौर्य साम्राज्य
  36. उत्तरमाला
  37. प्रश्न- शुंग कौन थे? पुष्यमित्र का शासन प्रबन्ध लिखिये।
  38. प्रश्न- कण्व या कण्वायन वंश को स्पष्ट कीजिए।
  39. प्रश्न- पुष्यमित्र शुंग की धार्मिक नीति की विवेचना कीजिए।
  40. प्रश्न- पतंजलि कौन थे?
  41. प्रश्न- शुंग काल की साहित्यिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  42. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - शुंग तथा कण्व वंश
  43. उत्तरमाला
  44. प्रश्न- सातवाहन युगीन दक्कन पर प्रकाश डालिए।
  45. प्रश्न- आन्ध्र-सातवाहन कौन थे? गौतमी पुत्र शातकर्णी के राज्य की घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
  46. प्रश्न- शक सातवाहन संघर्ष के विषय में बताइए।
  47. प्रश्न- जूनागढ़ अभिलेख के माध्यम से रुद्रदामन के जीवन तथा व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।
  48. प्रश्न- शकों के विषय में आप क्या जानते हैं?
  49. प्रश्न- नहपान कौन था?
  50. प्रश्न- शक शासक रुद्रदामन के विषय में बताइए।
  51. प्रश्न- मिहिरभोज के विषय में बताइए।
  52. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - सातवाहन वंश
  53. उत्तरमाला
  54. प्रश्न- कलिंग नरेश खारवेल के इतिहास पर प्रकाश डालिए।
  55. प्रश्न- कलिंगराज खारवेल की उपलब्धियों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  56. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - कलिंग नरेश खारवेल
  57. उत्तरमाला
  58. प्रश्न- हिन्द-यवन शक्ति के उत्थान एवं पतन का निरूपण कीजिए।
  59. प्रश्न- मिनेण्डर कौन था? उसकी विजयों तथा उपलब्धियों पर चर्चा कीजिए।
  60. प्रश्न- एक विजेता के रूप में डेमेट्रियस की प्रमुख उपलब्धियों की विवेचना कीजिए।
  61. प्रश्न- हिन्द पहलवों के बारे में आप क्या जानते है? बताइए।
  62. प्रश्न- कुषाणों के भारत में शासन पर एक निबन्ध लिखिए।
  63. प्रश्न- कनिष्क के उत्तराधिकारियों का परिचय देते हुए यह बताइए कि कुषाण वंश के पतन के क्या कारण थे?
  64. प्रश्न- हिन्द-यवन स्वर्ण सिक्के पर प्रकाश डालिए।
  65. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - भारत में विदेशी आक्रमण
  66. उत्तरमाला
  67. प्रश्न- गुप्तों की उत्पत्ति के विषय में आप क्या जानते हैं? विस्तृत विवेचन कीजिए।
  68. प्रश्न- काचगुप्त कौन थे? स्पष्ट कीजिए।
  69. प्रश्न- प्रयाग प्रशस्ति के आधार पर समुद्रगुप्त की विजयों का उल्लेख कीजिए।
  70. प्रश्न- चन्द्रगुप्त (द्वितीय) की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से लिखिए।
  71. प्रश्न- गुप्त शासन प्रणाली पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
  72. प्रश्न- गुप्तकाल की साहित्यिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- गुप्तों के पतन का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- गुप्तों के काल को प्राचीन भारत का 'स्वर्ण युग' क्यों कहते हैं? विवेचना कीजिए।
  75. प्रश्न- रामगुप्त की ऐतिहासिकता पर विचार व्यक्त कीजिए।
  76. प्रश्न- गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य के विषय में बताइए।
  77. प्रश्न- आर्यभट्ट कौन था? वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- स्कन्दगुप्त की उपलब्धियों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  79. प्रश्न- राजा के रूप में स्कन्दगुप्त के महत्व की विवेचना कीजिए।
  80. प्रश्न- कुमारगुप्त पर संक्षेप में टिप्पणी लिखिए।
  81. प्रश्न- कुमारगुप्त प्रथम की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
  82. प्रश्न- गुप्तकालीन भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान पर प्रकाश डालिए।
  83. प्रश्न- कालिदास पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- विशाखदत्त कौन था? वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- स्कन्दगुप्त कौन था?
  86. प्रश्न- जूनागढ़ अभिलेख से किस राजा के विषय में जानकारी मिलती है? उसके विषय में आप सूक्ष्म में बताइए।
  87. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - गुप्त वंश
  88. उत्तरमाला
  89. प्रश्न- दक्षिण के वाकाटकों के उत्कर्ष का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  90. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - वाकाटक वंश
  91. उत्तरमाला
  92. प्रश्न- हूण कौन थे? तोरमाण के जीवन तथा उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
  93. प्रश्न- हूण आक्रमण के भारत पर क्या प्रभाव पड़े? स्पष्ट कीजिए।
  94. प्रश्न- गुप्त साम्राज्य पर हूणों के आक्रमण का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  95. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - हूण आक्रमण
  96. उत्तरमाला
  97. प्रश्न- हर्ष के समकालीन गौड़ नरेश शशांक के विषय में आप क्या जानते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  98. प्रश्न- हर्ष का समकालीन शासक शशांक के साथ क्या सम्बन्ध था? मूल्यांकन कीजिए।
  99. प्रश्न- हर्ष की सामरिक उपलब्धियों के परिप्रेक्ष्य में उसका मूल्यांकन कीजिए।
  100. प्रश्न- सम्राट के रूप में हर्ष का मूल्यांकन कीजिए।
  101. प्रश्न- हर्षवर्धन की सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिये?
  102. प्रश्न- हर्ष का मूल्यांकन पर टिप्पणी कीजिये।
  103. प्रश्न- हर्ष का धर्म पर टिप्पणी कीजिये।
  104. प्रश्न- पुलकेशिन द्वितीय पर टिप्पणी कीजिये।
  105. प्रश्न- ह्वेनसांग कौन था?
  106. प्रश्न- प्रभाकर वर्धन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  107. प्रश्न- गौड़ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  108. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - वर्धन वंश
  109. उत्तरमाला
  110. प्रश्न- मौखरी वंश की उत्पत्ति के विषय में बताते हुए इस वंश के प्रमुख शासकों का उल्लेख कीजिए।
  111. प्रश्न- मौखरी कौन थे? मौखरी राजाओं के जीवन तथा उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
  112. प्रश्न- मौखरी वंश का इतिहास जानने के साधनों का वर्णन कीजिए।
  113. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - मौखरी वंश
  114. उत्तरमाला
  115. प्रष्न- परवर्ती गुप्त शासकों का राजनैतिक इतिहास बताइये।
  116. प्रश्न- परवर्ती गुप्त शासकों के मौखरी शासकों से किस प्रकार के सम्बन्ध थे? स्पष्ट कीजिए।
  117. प्रश्न- परवर्ती गुप्तों के इतिहास पर टिप्पणी लिखिए।
  118. प्रश्न- परवर्ती गुप्त शासक नरसिंहगुप्त 'बालादित्य' के विषय में बताइये।
  119. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - परवर्ती गुप्त शासक
  120. उत्तरमाला

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